'हमें तो अपनों ने लूटाए, गैरों में कहां दम था...।' यह शेर एयर इंडिया पर बिल्कुल सटीक बैठता है। कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी विमानन कंपनी बिकने की कगार पर पहुंच चुकी है। सरकार इसके लिए खरीदार की तलाश में है, लेकिन 'महाराजा' को 'कंगाल' बनाने में सरकार ने भी अपनी भूमिका निभाई है।
एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ले जाने के बदले 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक कंपनी को नहीं हुआ है। कमोडोर लोकेश बत्रा ने बुधवार को आरटीआई के जरिए यह जानकारी हासिल की। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया था कि कर्ज तले दबी एयर इंडिया को कितना पैसा लेना है। आरटीआई के जवाब में एयर इंडिया ने बताया कि 30 नवंबर, 2019 तक वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के बदले 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी बकाया है।
इसके अलावा बचाव कार्यों के बदले मिलने वाली 9.67 करोड़ रुपये और विदेशी मेहमानों को लेकर जाने के बदले 12.65 करोड़ भी रुपये बकाया है। वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के अंतर्गत एयर इंडिया कंपनी राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेकर जाती है। इसका भुगतान मंत्रियों द्वारा किया जाता है।
एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ले जाने के बदले 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक कंपनी को नहीं हुआ है। कमोडोर लोकेश बत्रा ने बुधवार को आरटीआई के जरिए यह जानकारी हासिल की। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया था कि कर्ज तले दबी एयर इंडिया को कितना पैसा लेना है। आरटीआई के जवाब में एयर इंडिया ने बताया कि 30 नवंबर, 2019 तक वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के बदले 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी बकाया है।
इसके अलावा बचाव कार्यों के बदले मिलने वाली 9.67 करोड़ रुपये और विदेशी मेहमानों को लेकर जाने के बदले 12.65 करोड़ भी रुपये बकाया है। वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के अंतर्गत एयर इंडिया कंपनी राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेकर जाती है। इसका भुगतान मंत्रियों द्वारा किया जाता है।
सरकारी बाबुओं ने भी खूब 'लूटा'
अगर ये बिल काफी नहीं हैं, तो आपको बता दें कि सरकारी बाबुओं ने भी एयर इंडिया का खूब फायदा उठाया है। आरटीआई जवाब के मुताबिक 31 मार्च, 2019 तक सरकारी अधिकारियों ने 526.14 करोड़ रुपये की टिकट उधार ले डाली। इनमें से 236.16 करोड़ रुपये पिछले तीन साल से लंबित हैं।
कंपनी ने अपनी अकाउंट बुक में 282.82 करोड़ रुपये को भी 'वसूली न होने वाली' रकम में डाल दिया। एयर इंडिया ने पिछले साल दिसंबर से इन सरकारी अधिकारियों को पिछला बकाया न चुकाने की वजह से टिकट देना भी बंद कर दिया।
कंपनी ने अपनी अकाउंट बुक में 282.82 करोड़ रुपये को भी 'वसूली न होने वाली' रकम में डाल दिया। एयर इंडिया ने पिछले साल दिसंबर से इन सरकारी अधिकारियों को पिछला बकाया न चुकाने की वजह से टिकट देना भी बंद कर दिया।