भारत छोड़ने के सात दशक बाद भी ब्रिटेन की इकोनॉमी भारतीय प्रभाव से अछूती नहीं है। हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि भारतीय प्रवासी लोगों द्वारा चलाई जा रही कंपनियां ब्रिटेन में सालाना 3,684 करोड़ पाउंड (करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये) का राजस्व पैदा करती हैं। ये कंपनियां 1,74,000 लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं और 100 करोड़ पाउंड यानी करीब 9,200 करोड़ रुपये का कॉरपोरेशन टैक्स चुकाती हैं। 'इंडिया इन यूके' नाम की इस रिपोर्ट में भारतीय प्रवासियों के मालिकाना हक वाली 654 ऐसी कंपनियों के कारोबार का विश्लेषण किया गया है, जिनका टर्नओवर कम से कम एक लाख पाउंड (करीब 92 लाख रुपये) सालाना है।
सर्वे में पाया गया कि इन कंपनियों ने सम्मिलित रूप से सालाना करीब 200 करोड़ पाउंड का पूंजीगत निवेश भी किया। यह रिपोर्ट ग्रांट थॉर्न्टन ने ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर तैयार की है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में फिक्की की सहायता भी ली गई है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम ने बताया कि यह रिपोर्ट सभी भारतीय प्रवासियों द्वारा ब्रिटेन की इकोनॉमी में योगदान को नहीं दर्शाती। इसमें सिर्फ 654 बड़ी कंपनियों को शामिल किया गया है। इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन की इकोनॉमी में भारतीय प्रवासियों का योगदान इससे कहीं अधिक होगा।